बच्चो के अटेंशन डेफिसिट डिसऑर्डर एक्सपर्ट विनी झारिया ने चर्चा की

कहीं लाड प्यार से बच्चो को हम अटेंशन डेफिसिट डिसऑर्डर की तरफ तो नही ले जा रहे है

May 14, 2024 - 17:32
बच्चो के अटेंशन डेफिसिट डिसऑर्डर एक्सपर्ट विनी झारिया ने चर्चा की

इंदौर

 बच्चो के अटेंशन डेफिसिट डिसऑर्डर क्रिएट स्टोरीज एनजीओ की ओर से चाइल्ड साइकोलॉजिस्ट विनी झारिया ने एक स्कूल में टीचर्स और पेरेंट्स से चर्चा की ।

एक्सपर्ट विनी झारिया ने बताया की अटेंशन डेफिसिट डिसऑर्डर एक ऐसी स्थिति है जो बच्चे के व्यवहार और सीखने को प्रभावित करती है । अटेंशन डेफिसिट डिसऑर्डर में बच्चे कोई भी एक गतिविधि में ज्यादा समय तक अटेंशन एवं ध्यान नहीं दे पा रहे और छोटी छोटी बातों में चिड़चिड़ापन या किसी भी गतिविधि में एकाग्रता भी रख पाने जैसी समस्या भी स्क्रीन एडिक्शन के कारण भी सामने आ रही है जिसकी वजह से एंजायटी ओबेसिटी मूड स्विंगडिप्रेशन तक की समस्या भी काफी बढ़ रही है ।

आमतौर पर दैनिक जीवन में हम बच्चो को एक ही चीज के लिए कई सारे विकल्प उपलब्ध करवाते है परंतु कई बार हमारी यह कोशिश उनके व्यवहार एवं विचार को अव्यवस्थित करती है जिससे बच्चों में यह डिसऑर्डर बढ़ता है ।

एक बात सोचे और याद रखे की कहीं लाड प्यार से बच्चो को हम अटेंशन डेफिसिट डिसऑर्डर की तरफ तो नही ले जा रहे है ।

 

अटेंशन डेफिसिट डिसऑर्डर के लक्षण–

 

·         बच्चो का बहुत जल्दी बातों या काम से डिस्ट्रैक्शन ।

·         बातों का डिटेल्स पर फोकस ना करना ।

·         क्लास वर्क या होमवर्क पूरा न करना ।

·         अनर्गनाइज्ड बिहेवियर का बढ़ना ।

·         दस बार बोलने पर एक बार ध्यान देना या सुनना ।

·         टाइम मैनेजमेंट की गड़बड़ी ।

·         किसी भी काम को पूरा करना ही भूल जाना ।

·         किसी भी तरह के काम को करने में ध्यान केंद्रित करने में मुश्किल महसूस करना ।

·         ऐसे कामों से बचनाजिसमें मानसिक दबाव पड़ता होजैसे कोई रिपोर्ट तैयार करना या होमवर्क खत्म करना ।

 

क्या करें –

·         किसी भी एक्टिविटी को शुरू करके खत्म करने के लिए प्रोत्साहित करें । 

·         बच्चो के साथ बोर्ड गेम्स खेलें ताकि उनमें बैठने की हैबिट बने ।

·         स्ट्रक्चर रूटीन फिक्स करें ।

·         ऑर्गेनाइज्ड बिहेवियर को बढ़ावा दें ।

·         उनके डिस्ट्रैक्शन को मैनेज करें ।

·         डेली एक्सरसाइज के लिए प्रोत्साहित करें ।

·         बैलेंस डाइट दें ।

·         समस्या ज्यादा दिखने पर काउंसलिंग करवाएं ।